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22 May, 2022 by Ardh Sainik News

नौकरशाहों के हाथ में आई दिल्ली नगर निगम की कमान, विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार और कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने संभाला चार्ज

दिल्ली के तीन नगर निगमों का अब औपचारिक रूप से विलय हो गया है। केंद्र सरकार की ओर से एकीकृत दिल्ली के नगर निगम (एमसीडी) के लिए नियुक्त दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों अश्वनी कुमार (Ashwini Kumar) और ज्ञानेश भारती (Gyanesh Bharti) ने रविवार को सिविक सेंटर पहुंचकर चार्ज संभाल लिया है। अश्वनी कुमार एमसीडी के विशेष अधिकारी (Special Officer) हैं और ज्ञानेश भारती को कमिश्नर (MCD Commissioner) बनाए गए हैं। नवनियुक्त एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने विशेष अधिकारी अश्विनी कुमार का गुलदस्ता देकर स्वागत करते हुए निगम के अधिकारियों से उनका परिचय कराया। भारती ने विशेष अधिकारी को नगर निगम की कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी दी। भारती ने उन्हें नगर निगमों की विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ चुनौतियों से भी अवगत कराया। इस मौके पर निगम के विभिन्न विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद रहे और उन्होंने विशेष अधिकारी व आयुक्त को बधाई दी। दिल्ली नगर निगम का नया सदन चुने जाने तक अश्वनी कुमार निगम मामलों को संभालने वाले शीर्ष अधिकारी होंगे। उन्होंने कहा कि जनता को सर्वोत्तम नागरिक सुविधाएं प्रदान करना और स्वच्छता सेवाओं में सुधार उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होगा। अश्वनी कुमार 1992 बैच के एजीएमयूटी कैडर के अधिकारी हैं। वह पुड्डुचेरी में मुख्य सचिव और दिल्ली लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। वहीं, ज्ञानेश भारती 1998 बैच के एजीएमयूटी कैडर के अधिकारी हैं। इससे पहले, वह दक्षिणी और पूर्वी नगर निगम के आयुक्त के रूप में कार्यरत थे। साल 2012 में मुख्यमंत्री के रूप में शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान एमसीडी को तीन भागों में विभाजित किया गया था। अब यह तीन नगर निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी नगर निगमों को मिलाकर फिर से एक हो गया है। दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 दिल्ली के सभी तीन नगर निगमों - उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को एकीकृत करने के लिए संसद द्वारा पारित किया गया था। इस कदम के साथ, दिल्ली के तीन वर्तमान नगर निगमों को आज से दिल्ली के एक नगर निगम के रूप में माना जाएगा। साल 2011 में तीन भागों में हुआ था विभाजन बता दें कि, लोकसभा ने 30 मार्च और राज्यसभा ने पांच अप्रैल को दिल्ली के तीनों नगर निगमों के विलय के बिल पास किया था, जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 18 अप्रैल को इसे अपनी मंजूरी दी थी। इस बिल के प्रावधानों के अनुसार, दिल्ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण क उद्देश्य संसाधनों का अधिकतम उपयोग, समन्वय एवं रणनीतिक योजना सुनिश्चित करना है। इस कानून में कहा गया है कि निगम में पार्षदों की कुल संख्या और अनुसूचित जाति समुदायों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या का निर्धारण निगम के गठन के समय केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा और सीटों की संख्या 250 से अधिक नहीं होंगी। बिल में यह भी कहा गया है कि निगम की स्थापना के बाद प्रत्येक जनगणना के पूरा होने पर, सीटों की संख्या उस जनगणना में निर्धारित दिल्ली की जनसंख्या के आधार पर होगी और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी।