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16 Jun, 2022 by Ardh Sainik News

दो भाइयों ने यूट्यूब से सीखा कार चुराने का तरीका, ऑनलाइन मंगाई डुप्लीकेट चाबी बनाने की डिवाइस; 15 मिनट में उड़ा देते थे गाड़ी

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा-2 पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मदद से गाड़ियों को हैक कर चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में दो सगे भाइयों समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि उनका एक साथी अभी हत्थे नहीं चढ़ सका है। आरोपी सगे भाइयों ने कार चोरी करने का तरीका यूट्यूब से सीखा था। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी ऑनलाइन मंगवाई थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की तीन गाड़ियां बरामद की हैं।

ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी विशाल पांडे ने बताया कि करीब दस दिन पहले सेक्टर अल्फा वन से एक ही रात में दो गाड़ियां चोरी हुई थीं जबकि एक गाड़ी चोरी करने का प्रयास किया गया था। सेक्टर बीटा-2 पुलिस ने गाड़ी चोरी का मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू की थी। पुलिस ने सेक्टर अल्फा दो से चोरी हुई दो कारों की चोरी की घटना का खुलासा करने के लिए सीसीटीवी और सर्विलांस का सहारा लिया। 

 

पुलिस ने ग्रेटर नोएडा से लेकर इंदौर मध्य प्रदेश तक करीब 500 सीसीटीवी फुटेज खंगाली जिसके बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंची। आरोपियों द्वारा चोरी की गाड़ियों को मध्य प्रदेश की तरफ बेच दिया जाता था। पुलिस टीम ने मामले का खुलासा करते हुए पांच चोरों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए चोरों की पहचान दो सगे भाई दीपक और रोहित, गब्बर, भानु प्रताप सिंह निवासी रोशन विहार कॉलोनी जमुनापार जिला मथुरा और इरफान निवासी रानीपुरा इंदौर मध्य प्रदेश के रूप में हुई है।

पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर सेक्टर अल्फा दो से चोरी की गई दोनों गाड़ियां और बिसरख से चोरी हुई एक कार बरामद की है। पुलिस गिरोह में शामिल एक आरोपी की तलाश में जुटी है। उसके पकड़े जाने पर और गाड़ियां बरामद होने की उम्मीद है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए दो आरोपी सगे भाई रोहित और दीपक ने यूट्यूब पर गाड़ी चोरी करने का तरीका सीखा था। इसके बाद दोनों ने ऑनलाइन एक्स टूल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मंगाई। इस डिवाइस के जरिए गाड़ी को हैक कर डुप्लीकेट चाबी तैयार कर ली जाती थी। जिसके बाद आरोपी गाड़ी चोरी कर आसानी से फरार हो जाते थे। 

 

वाहन के सेंट्रल सिस्टम को हैक कर लेते थे

पुलिस के मुताबिक आरोपी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से गाड़ी को हैक कर लेते थे। आरोपी गाड़ी के नीचे घुस कर डिवाइस को लगाते थे। इसके चलते गाड़ी में लगा सेंट्रल सिस्टम कोई आवाज नहीं करता था। गाड़ी में कोई हलचल नहीं होती थी। इसके बाद वे गाड़ी को आसानी से चोरी कर लिया जाता था। 

चोरी की गाड़ी इस्तेमाल करते थे

कोतवाली प्रभारी अनिल कुमार राजपूत ने बताया कि आरोपियों के पास से तीन गाड़ियां बरामद की गई हैं जिनमें दो गाड़ी सेक्टर अल्फा से चोरी की थी, जबकि एक बिसरख से चोरी की गई थी। आरोपी सेक्टर अल्फा दो से गाड़ी चोरी करने के लिए बिसरख से चोरी की गई गाड़ी में सवार होकर पहुंचे थे। पुलिस से बचने के लिए चोरी की गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता था। 

15 मिनट में वारदात कर भाग जाते थे

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हें एक गाड़ी चोरी करने में लगभग 15 मिनट का समय लगता था। वे गाड़ी को हैक कर डुप्लीकेट चाबी तैयार करते थे और उसे स्टार्ट कर आसानी से लेकर भाग जाते थे।