28.5c India
Breaking News:

Most Popular

image
27 Jul, 2022 by Ardh Sainik News

पार्थ चटर्जी ने मेरे घर को बना रखा था 'मिनी बैंक', एक कमरे में भरे थे नोट; अर्पिता मुखर्जी का ईडी से खुलासा

पश्चिम बंगाल में स्कूल जॉब घोटाले में गिरफ्तार किए गए राज्य सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने बड़ा खुलासा किया है। अर्पिता मुखर्जी का कहना है कि पार्थ चटर्जी उसके घर को 'मिनी बैंक' की तरह इस्तेमाल करते थे। अर्पिता ने बताया कि पार्थ चटर्जी उसके घर में ही पैसा रखा करते थे। ईडी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। वहीं ईडी के इस दावे को अर्पिता मुखर्जी के वकीलों की ओर से चुनौती दी जा सकते है। वकीलों का कहना है कि ईडी की ओर से जांच की डिटेल को मीडिया से लीक किया जा रहा है, जो गलत है। इसके साथ ही वकीलों की ओर से केंद्रीय एजेंसियों की ओर से दर्ज केसों में लोगों के दोषी पाए जाने की कम दर का भी सवाल उठाया जा सकता है।

ईडी को अर्पित मुखर्जी के घर पर छापेमारी के दौरान 21 करोड़ रुपये नकदी बरामद हुई थी। कभी ऐक्टर और मॉडल रही अर्पिता मुखर्जी बीते कुछ सालों से पार्थ चटर्जी की करीबी थी। शनिवार को पार्थ और अर्पिता को गिरफ्तार किया गया था। उससे पहले अर्पिता के घर से बरामद हुए नोटों के जखीरे की तस्वीरें काफी वायरल हुई थीं। सूत्रों के मुताबिक अर्पिता ने बताया कि पूरी रकम को उसके घर के एक कमरे में रखा जाता था, जहां पार्थ चटर्जी और उसके लोगों की ही एंट्री थी। अर्पिता का कहना है कि हर सप्ताह या फिर 10 दिन में एक बार पार्थ चटर्जी उसके घर पर आया करते थे।

एक और महिला के घर में रखा जाता था कैश, बताया- कहां से आता था

ईडी के सूत्रों ने एक और महिला का ऐंगल भी बताया है। उन्होंने कहा कि अर्पिता ने बताया कि मेरे घर के अलावा एक और महिला के मकान को पार्थ मिनी बैंक के तौर पर इस्तेमाल करते थे। दूसरी महिला भी पार्थ चटर्जी की ही करीबी दोस्त बताई जा रही है। अर्पिता ने कहा कि मंत्री ने कभी उसे यह नहीं बताया था कि कमरे में कितनी रकम रखी गई है। अर्पिता ने बताया कि एक बंगाली ऐक्टर ने उनका परिचय पार्थ चटर्जी से कराया था। यह मुलाकात 2016 में हुई थी और तब से ही दोनों एक-दूसरे के करीब थे। अर्पिता ने पूछताछ के दौरान यह भी स्वीकार कर लिया है कि यह रकम ट्रांसफर पोस्टिंग के एवज में ली गई घूस और कॉलेजों को मान्यता दिलाने के एवज में लिए पैसे से जुटी थी।

अर्पिता ने यह भी बताया कि यह रकम पार्थ चटर्जी खुद कभी नहीं लाते थे। उनके सहायकों की ओर से रकम लाई जाती थी। पार्थ चटर्जी और अर्पिता को फिलहाल 3 अगस्त तक एजेंसी की हिरासत में भेजा गया है। एजेंसी का कहना है कि इस दौरान पूछताछ में कुछ अहम खुलासे हो सकते हैं।