28.5c India
Breaking News:

Most Popular

image
02 Sep, 2022 by Ardh Sainik News

अखिलेश का यादवों में भी कमजोर होगा बेस! भाजपा के बाद शिवपाल ने भी बढ़ाया क्लेश; समझिए कैसे

कभी मुलायम सिंह यादव के राइटहैंड रहे और उनके साथ समाजवादी पार्टी को बढ़ाने वाले उनके छोटे भाई शिवपाल यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से नया दल बना लिया था। फिलहाल वह अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं, लेकिन मुलायम सिंह यादव के भाई होने के नाते बड़ा सियासी रसूख रखते हैं। ऐसे में आज भी उनका कोई भी फैसला चर्चा का विषय बनता है। इस बीच उनकी ओर से यादवों के संगठन ‘यदुकुल पुनर्जागरण मिशन’ शुरू किए जाने की चर्चा हो रही है। शिवपाल यादव इसके संरक्षक होंगे, जबकि पूर्व सांसद डीपी यादव को इसका अध्यक्ष बनाया गया है।

यदुकुल पुनर्जागरण मिशन से साफ है कि यह संगठन यादवों में पैठ बनाने के लिए बनाया गया है। अब तक सूबे में समाजवादी पार्टी यादव वोटरों के बीच अच्छी पैठ रखती रही है, लेकिन शिवपाल यादव की यह पहल उसकी टेंशन बढ़ाने वाली है। खासतौर पर ऐसे दौर में जब भाजपा ने भी यादव बिरादरी को लुभाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने समाजवादी नेता रहे चौधरी हरमोहन सिंह की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया था। इस इवेंट में देश के 12 राज्यों से यादव बिरादरी के नेता आए थे। इस आयोजन को यादव समुदाय के बीच भाजपा की पकड़ बनाने की कोशिश के तौर पर देखा गया था।

यादव और पसमांदा कार्ड चल रही है भाजपा, कैसे निपटेंगे अखिलेश

ऐसे में अब शिवपाल यादव का नया संगठन यादव समुदाय की राजनीति में समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का सबब हो सकता है। दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान सपा को कन्नौज और बदायूं जैसी यादव बहुल सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इसके पीछे एक वजह यह भी बताई गई थी कि यादव समुदाय के भी एक वर्ग ने भाजपा को मतदान किया है। ऐसे हालातों के बीच यादव वोटरों में भाजपा और शिवपाल की सक्रियता अखिलेश को टेंशन देने वाली है। बता दें कि समाजवादी पार्टी के मुख्य आधारों में यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं को शुमार किया जाता रहा है। भाजपा ने पसमांदा मुस्लिमों को भी लुभाने के प्रयास तेज किए हैं, जिनकी आबादी मुसलमानों के बीच 80 से 90 फीसदी तक बताई जाती है।

अखिलेश से मुद्दे भी छीनने की तैयारी में हैं शिवपाल यादव

बड़ी बात यह है कि शिवपाल यादव ने ‘यदुकुल पुनर्जागरण मिशन’ के जरिए जातिगत जनगणना और अहीर रेजिमेंट के गठन जैसे मुद्दे भी उठाने का फैसला लिया है। इन मुद्दों पर अब तक अखिलेश यादव बहुत ज्यादा मुखर नहीं दिखे हैं। ऐसे में शिवपाल यादव इन पर ऐक्टिव होकर बढ़त हासिल कर सकते हैं।