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राष्ट्रपति चुनाव में कुछ ही दिन बाकी हैं और नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को दलों से जोरदार समर्थन मिल रहा है। हाल ही में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी मुर्मू का साथ देने का ऐलान किया है। अब मौजूदा सियासी हाल में राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष बनाम NDA की जंग में कई गठबंधनों पर चोट लगने के आसार नजर आ रहे हैं। महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक कई प्रमुख दलों की राय अपने सहयोगियों से जुदा है। खास बात है कि अगर समर्थन को लेकर गठबंधनों में दरार पड़ती है, तो कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है।
साल की शुरुआत तक कांग्रेस तीन राज्यों पंजाब, छत्तीसगढ़ और पंजाब में सत्तारूढ़ थी। जबकि, झारखंड और महाराष्ट्र में गद्दी संभाल रहे गठबंधन का हिस्सा थी। साल के मध्य तक पार्टी पंजाब में हार और महाराष्ट्र में बगावत के बाद सत्ता से दूर हो चुकी है।अब संबंधों के लिहाज से महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही जगह कांग्रेस अच्छी स्थित में नजर नहीं आ रही है। महाराष्ट्र में प्रदेश प्रमुख नाना पटोले अकेले ही चुनाव में उतरने पर जोर देते रहे हैं। साथ ही एनसीपी और शिवसेना पर उन्होंने सवाल उठाए थे। कई बड़े नेता यह बता चुके हैं ठाकरे फैसलों को लेकर कांग्रेस से बात नहीं करते। वहीं, कांग्रेस एनसीपी पर भी धोखा देने के आरोप लगा चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता शिकायत करते हैं कि जेएमएम उनके मंत्रियों और विधायकों का सम्मान नहीं किया। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ विधायकों समेत कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग सरकार से हटने और केवल बाहरी समर्थन देने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस के चार मंत्री अपना पद और सुविधाएं छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।