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18 May, 2022 by Ardh Sainik News

हार्दिक पटेल ने छोड़ी कांग्रेस, अपमान का आरोप, राम मंदिर का जिक्र कर भाजपा में जाने के संकेत

गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पाटीदार नेता ने खुद ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती में लिखे अपने इस्तीफे का पत्र ट्वीट करते हुए हार्दिक पटेल ने लिखा, 'आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा।' हार्दिक पटेल लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे और लगातार राज्य के नेताओं और हाईकमान पर सवाल खड़े कर रहे थे। गुजरात में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं और उससे पहले हार्दिक पटेल के इस्तीफे ने कांग्रेस को करारा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने कहा था कि वह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जरूर बने हैं, लेकिन उन्हें कोई जिम्मेदीरी नहीं दी गई है और लगातार नेता उन्हें किनारे लगाने में जुटे हैं। हार्दिक पटेल ने राज्य इकाई के नेताओं पर आरोप लगाया था कि वे चाहते हैं कि मैं कांग्रेस छोड़ दूं। यही नहीं उनका कहना था कि कांग्रेस राज्य में बेहद कमजोर है और चुनाव जीतने की स्थिति में फिलहाल नजर नहीं आती है। राम मंदिर और 370 का जिक्र कर भाजपा में जाने के दिए संकेत कई महीनों से हार्दिक पटेल के भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जाती रही हैं। अपने इस्तीफे से हार्दिक पटेल ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि वे भाजपा में जा सकते हैं। हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में राम मंदिर, CAA, आर्टिकल 370 और जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि इन मुद्दों का समाधान देश के लिए जरूरी था, लेकिन कांग्रेस लगातार इनमें बाधा ही बनती रही। उनकी इस टिप्पणी से यह माना जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हार्दिक पटेल ने कहा कि भारत हो, गुजरात या फिर मेरे पटेल समाज की बात हो, कांग्रेस का अजेंडा सिर्फ केंद्र सरकार के विरोध का ही रहा है। कांग्रेस पर लगाया तिरस्कार का आरोप, कहा- युवाओं के लिए है द्वेष हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में कांग्रेस पर अपमान का आरोप भी लगाया है। उन्होेंने लिखा, 'राजनीति में सक्रिय हर व्यक्ति का धर्म होता है कि वह जनता के लिए कुछ करता रहे। लेकिन अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी गुजरात की जनता के लिए कुछ अच्छा करना ही नहीं चाहती। इसलिए जब मैं गुजरात के लिए कुछ करना चाहता था तो कांग्रेस ने सिर्फ मेरा तिरस्कार ही किया। मैंने सोचा नहीं था कि कांग्रेस का नेतृत्व हमारे प्रदेश, समाज और विशेष तौर पर युवाओं के लिए इस प्रकार का द्वेष अपने मन में रखता है।'