30 May, 2022
by Ardh Sainik News
कांग्रेस ने रविवार को राज्यसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा का नाम शामिल नहीं है, जो राजस्थान से एक दावेदार थे। इस पर उन्होंने रविवार रात ट्वीट करके कहा कि 'शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई।' यह बयान साफ तौर पर उनकी नाराजगी को दर्शाता है।
ट्वीट के कुछ देर बाद ही खेड़ा को सोशल मीडिया पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का समर्थन मिलने लगा। हालांकि, पार्टी प्रवक्ता सोमवार को इस पर सफाई देते नजर आए। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि 'मुझे पहचान कांग्रेस ने दी है। मैं अपनी इस बात से सहमत भी हूं और इस पर अडिग भी हूं।'
राजस्थान से कांग्रेस के ये 3 उम्मीदवार
पार्टी ने पवन खेड़ा को मैदान में उतारने के बजाय राजस्थान से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है। इनमें से कोई भी मूल रूप से राजस्थान से नहीं है। सिरोही से कांग्रेस विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट करके पूछा, "कांग्रेस पार्टी बताए कि राजस्थान के किसी कांग्रेस नेता/कार्यकर्ता को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार न बनाने का क्या कारण है?"
एक्टर से कांग्रेस की नेता बनीं नगमा ने पवन खेड़ा से सहमति जताते हुए लिखा कि उन्हें भी ऐसा ही लगता है... जैसे 'इमरान भाई' (इमरान प्रतापगढ़ी) को महाराष्ट्र से मैदान में उतारा गया है। नगमा ने कहा, "सोनिया गांधी ने 2003-04 में उन्हें राज्यसभा में शामिल होने के लिए व्यक्तिगत रूप से वादा किया था, जब मैं "उनके इशारे पर" पार्टी में शामिल हुईं। तब से 18 साल हो गए हैं, उन्हें कोई मौका नहीं मिला। इमरान को राज्यसभा भेजा गया है। मैं पूछती हूं कि क्या मैं कम योग्य हूं।"
कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए 10 जून को होने वाले चुनाव के लिए रविवार को 10 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, जयराम रमेश और अजय माकन के साथ ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला शामिल हैं। चिदंबरम को तमिलनाडु, रमेश को कर्नाटक, माकन को हरियाणा और सुरजेवाला को राजस्थान से उम्मीदवार बनाया गया है।
पार्टी ने मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को राजस्थान से, विवेक तन्खा को मध्य प्रदेश, राजीव शुक्ला और रणजीत रंजन को छत्तीसगढ़ तथा इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाया है। अगले दो महीनों में राज्यसभा में 55 सीट रिक्त हो रही हैं। सात कांग्रेस सदस्य चिदंबरम (महाराष्ट्र), रमेश (कर्नाटक), अंबिका सोनी (पंजाब), विवेक तन्खा (मध्य प्रदेश), प्रदीप टम्टा (उत्तराखंड), कपिल सिब्बल (उत्तर प्रदेश) और छाया वर्मा (छत्तीसगढ़) अपने कार्यकाल पूरे करेंगे।