31 May, 2022
by Ardh Sainik News
चीन के उत्तर पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार की कोई सीमा नही हैं।उनके मानव अधिकारों कक हनन करने के सूत्रधार कोई और नही बल्कि चीन ही हैं शिनजियांग के बदनाम बंदी शिविरों में उइगर मुस्लिमों को व्यावसायिक कौशल और प्रशिक्षण का झांसा देकर रखा जाता है। 2020 तक 20 लाख लोगों को इन शिविरों में रखा गया।राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। इन बंदी शिविरों में 2020 तक 20 लाख लोगों को झांसे में फसा कर रखा गया है। जबकि चीन की सरकार का अलग ही कहना है।वह इस सब को लोगो के हित मे किया जा रहा काम मान रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिनजियांग पुलिस की लीक फाइल्स (Xinjiang Police leak Files) में उइगर मुस्लिमों पर किए जा रहे अत्याचार की पूरी तस्वीर साफ हो गई है। शिनजियांग में चीन ने उइगर मुस्लिमों को बंदी रखने के लिए कई शिविर बनाए गए हैं। उन पर अत्याचार की खबरें आती रहती हैं। हालांकि, चीन इन शिविरों को शिक्षा या पुनर्वास केंद्र बताता है।
उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं। ये मूल रूप से मध्य और पूर्व एशिया के निवासी हैं। इनकी भाषा तुर्की है। चीन में जिन 55 अल्पसंख्यक समुदायों को आधिकारिक पर मान्यता दी गई है, उइगर उनमें से ही एक हैं। उइगरों की सबसे ज्यादा आबादी शिनजियांग क्षेत्र में रहती है।
चीन में उइगुर मुसलमानों को आपसी झगड़े जैसे मामूली या झूठे आरोप तक में 5 से 25 साल तक की कैद दी जाती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जांच राज्य में साल 2014 के बाद से लंबी सजा के लिए उन पर आतंक फैलाने, अलगाववाद और नफरत फैलाने के आरोप लगाने के मामले तेजी से बढ़े हैं।