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महाराष्ट्र में दशहरा रैली को लेकर शिवसेना के दोनों गुटों में तकरार जारी है। इधर, बृह्नमुंबई महानगर पालिका ने भी मामले को कानूनी ढंग से सुलझाने का फैसला लिया है। खबर है कि रैली की अनुमति के संबंध में बीएमसी ने अपने न्याय विभाग की राय मांगी है। कहा जा रहा है कि दोनों गुटों में से पार्क में रैली की इजाजत मिलनी चाहिए, इसे लेकर अगले सप्ताह तक एक राय बन सकती है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुटों ने रैली की लिए अनुमति मांगी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा, 'कानूनी राय के लिए मामले को बीएमसी के कानून विभाग के पास भेजा गया है कि इस केस में क्या करना चाहिए, क्योंकि दोनों ही पक्ष असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं और रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी है। आमतौर पर बीएमसी पहले आओ पहले पाओ पर काम करती है। चूंकि इस मामले में इजाजत नहीं मिलने पर कोई भी पार्टी अदालत जा सकती है। ऐसे में कानूनी राय मांगी गई है।'
उन्होंने कहा, 'जब इस तरह के विवादास्पद मामले आते हैं, जहां कानूनी परिणाम हो सकते हैं, तो कानूनी राय हासिल की जाती है। फैसला लेने से पहले पुरानी अनुमति, राज्य सरकार के 2016 के आदेशों और अदालत के फैसलों की जांच की जाती है।'
उद्धव ठाकरे ने बनया प्लान बी
दशहरा रैली पर फैसला नहीं आने के चलते उद्धव के नेतृत्व वाले गुट ने बैकअप प्लान तैयार कर लिया है। खबर है कि गुट ने प्लान बी के तौर पर बुधवार को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लैक्स (BKC) के MMRDA मैदान पर अनुमति के लिए आवेदन दिया है। पार्टी सांसद अरविंद सावंत ने ने 5 अक्टूबर को होने वाली रैली के लिए आवेदन दे दिया है।
रैली पर क्यों फंसा पेंच
शिवसेना दशकों से शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित कर रही है। हालांकि, इस बार ठाकरे की तरफ से अनुमति मांगे जाने के बाद बागी समूह के विधायक सदा सर्वांकर ने भी रैली की अनुमति मांग ली थी।