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नीरज चोपड़ा ने फिनलैंड में कुओर्टेन खेलों में वर्ष का पहला खिताब जीतकर चोट की आशंका को दूर करते हुए कहा कि वह 30 जून से स्टॉकहोम में अपने डायमंड लीग सत्र को शुरू करने के लिये पूरी तरह तैयार हैं।
भारत के शीर्ष जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने फिनलैंड के कुओर्टाने खेलों में 86.69 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। नीरज ने शनिवार को हुए मुकाबले में ट्रिनिडैड एंड टोबैगो के केशॉरन वाल्कॉट और ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स से बेहतर प्रदर्शन कर पहला स्थान हासिल किया। वाल्कॉट 86.64 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर जबकि पीटर्स 84.75 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
अपने पहले प्रयास में गोल्डन थ्रो करने बाद नीरज चोपड़ा के साथ बड़ा हादसा हो सकता था। कुओर्टेन खेलों के दौरान शनिवार को 24 वर्षीय चोपड़ा अपने तीसरे प्रयास के बाद फिसल गये थे। बारिश के कारण गीले और फिसलन भरे रन अप में आयोजित की गयी भाला फेंक स्पर्धा के लिये परिस्थितियां अनुकूल नहीं थी। चोपड़ा अपने तीसरे प्रयास में भाला फेंकने के बाद संतुलन खोकर नीचे गिर गये थे। हालांकि उन्होंने ट्वीट करके बताया है कि वह अच्छा महसूस कर रहे हैं।
नीरज चोपड़ा ने अपने पहले प्रयास में ही 86.69 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले त्रिनिदाद और टोबैगो के 2012 के ओलंपिक चैंपियन केशोर्न वालकॉट (86.64 मीटर) और ग्रेनाडा के विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स (84.75 मीटर) की तरह केवल तीन प्रयास ही किये।