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24 Sep, 2022 by Ardh Sainik News

भगवंत मान और गवर्नर के बीच नहीं खत्म हुई रार, अब राज्यपाल बोले- लगता है मुझसे नाराज हो

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को राज्यपाल बनवारीलाल ने सीएम को पत्र लिखकर कह डाला, आज के अखबार को पढ़कर ऐसा लगा कि आप मुझसे नाराज हैं। सीएम मान को लिखे पत्र में राज्यपाल ने अनुच्छेद 167 और 168 के प्रावधानों की भी याद दिलाई। जानिए, राज्यपाल ने क्या लिखा...

 

पंजाब में बहुमत परीक्षण के लिए एक दिवसीय विधानसभा सत्र बुलाने और राज्यपाल की ना के बाद सीएम भगवंत मान और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। हालांकि राज्यपाल एकदिवसीय विधानसभा सत्र के लिए 27 सितंबर के लिए हामी भर चुके हैं। शुक्रवार को उन्होंने विधानसभा सचिव से सत्र में उठाए जाने वाले विधायी कार्यों का ब्योरा देने को कहा था।

जवाब में सीएम भगवंत मान ने ट्वीट करते हुए राज्यपाल पर हमला बोला।, कहा, "विधायिका के किसी भी सत्र से पहले राज्यपाल की सहमति एक औपचारिकता है। 75 वर्षों में, किसी भी राज्यपाल ने सत्र बुलाने से पहले कभी भी विधायी कार्यों की सूची नहीं मांगी। विधायी कार्य बीएसी (बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल) और स्पीकर द्वारा तय किया जाता है। अगली बार राज्यपाल सभी भाषणों को भी अपने द्वारा अनुमोदित करने के लिए कहेंगे तो यह तो ज्यादा है।"

 

राज्यपाल ने पत्र लिखकर दिया जवाब

शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में राज्यपाल ने इसका जवाब देते हुए सीएम पंजाब को लिखा, "आज के अखबारों में आपके बयान पढ़ने के बाद, मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि शायद आप मुझसे 'बहुत ज्यादा' नाराज हैं। मुझे लगता है कि आपके कानूनी सलाहकार आपको पर्याप्त जानकारी नहीं दे रहे हैं। शायद मेरे बारे में आपकी राय संविधान के अनुच्छेद 167 और 168 के प्रावधानों को पढ़ने के बाद निश्चित रूप से बदल जाएगी।"

क्या है अनुच्छेद 167

अनुच्छेद 167 कहता है कि राज्यपाल को सूचना देने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होगी। मुख्यमंत्री के क्या कर्तव्य हैं- 167 (ए) के मुताबिक, राज्य के मामलों में प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित मंत्रिपरिषद के सभी निर्णयों को राज्य के राज्यपाल को सूचित करना। (बी) के अनुसार, राज्य के मामलों के प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित ऐसी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए जो राज्यपाल मांगे।