28.5c India
Breaking News:

Most Popular

image
02 Oct, 2022 by Ardh Sainik News

सब जानते हैं, अमित शाह के घर हुई थी विधायकों की मीटिंग; अशोक गहलोत का सचिन पायलट पर हमला

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सचिन पायलट की बगावत को याद किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार को गिराने के लिए अमित शाह के घर मीटिंग हुई थी। यह बात सब जानते हैं। उस मीटिंग में कुछ विधायक भी गए थे। गहलोत ने यह भी बताया कि अमित शाह के घर उस समय धर्मेंद्र प्रधान और जफर इस्लाम भी मौजूद थे।

सचिन पायलट का नाम लिए बैगर गहलोत ने कहा, ''अमित शाह हमारे विधायकों को मिठाई खिला रहे थे। थोड़ा इंतजार करने के लिए कह रहे थे। आखिर में सच्चाई की विजयी हुई। हमारी सरकार बच गई। हम कैसे भूल सकते हैं सरकार बचाने वाले विधायकों को। 102 विधायकों को कैसे भूल सकता हूं। मैं कहां रहूं या नहीं रहूं, यह अलग बात है। मैं विधायकों का अभिभावक हूं। आज दो-चार विधायक मेरे खिलाफ कमेंट भी कर देते हैं तो मैं बुरा नहीं मानता हूं।''

राजस्थान में सरकार नहीं गिरने दी 

सीएम गहलोत ने कहा कि विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये मिल रहे थे। होटल से बाहर जाने पर ही 10 करोड़ का ऑफर था। बाद में कई बार स्थितियां बदल जाती हैं। कुछ लोग बदल जाते हैं। लेकिन मैं उनका अहसान नहीं भूल सकता हूं। गहलोत ने आगे कहा, ''बीजेपी देश में विधायकों की खरीद-फरोख्त का खेल खेलती है। बीजेपी के लोग लोकतंत्र के हत्यारे हैं।''

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और कर्नाटक की सरकार बदल दी। महाराष्ट्र की सरकार बदल दी। राजस्थान में इनकी चली नहीं, क्योंकि हमें जनता का साथ था। गहलोत ने कहा, ''मुझे जनता के फोन आते थे, 3 महीने भी होटल में रहना पड़े तो रहो, लेकिन मजबूत रहो।''

आपको बता दें सचिन पायलट ने 2020 में बगावत कर गहलोत सरकार को मुश्किल में डाल दिया था। गहलोत कैंप के विधायक गुड़गांव के मानेसर के एक होटल में ठहरे थे।

कुछ फैसले मानने होते हैं: गहलोत

क्या कांग्रेस आलाकमान 102 विधायकों का सम्मान नहीं कर रहा है? इसके जवाब में सीएम गहलोत ने कहा कि कई बार, कुछ कारणों से ऐसे फैसले हो जाते हैं। जिन्हें मानना होता है। मुझे नहीं मालूम की किस स्थिति के अंदर यह फैसला हुआ, मैं उस पर जाना नहीं चाहता। मैं किसी को दोष नहीं देता।

विधायकों के भड़कने की नौबत क्यों आई?

सीएम ने कहा कि जब हमेशा जब सीएम जानने लगता है, बदल दिए जाते हैं। उस वक्त 80 प्रतिशत विधायक मुख्यमंत्री का साथ छोड़ देते हैं। नया आ रहा है। उसकों पकड़ों। हमें मंत्री बनना है। हमें काम पड़ेंगे उनसे। ये कायदा होता है। मैं इसे बुरा नहीं मानता हूं। क्या कारण था कि नया मुख्यमंत्री के नाम से ही 102 लोग भड़क गए। इस तरह आजतक कभी नहीं हुआ। इन विधायकों को क्या भय था, क्या फीलिंग थी मन के अंदर। सबसे बड़ी बात तो यह है कि कैसे उनकों मालूम पड़ा। कैसे अंदाज कर लिया। मैं नहीं कर पाया। वो कर पाए। विधायकों के भड़कने की नौबत क्यों आई। हमारी नेताओं को और सभी पक्षों को सोचना चाहिए। विधायकों में आक्रोश पैदा क्यूं हुआ है। हम में कुछ कमिया है तो प्रयास दूर करने के करने चाहिए। राजस्थान में चुनाव जीतना हमारे लिए बहुत आवश्यक है। राजस्थान जीतेंगे तो आगे चुनाव जीतने की संभावना बढ़ेगी।