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द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराने के साथ ही भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया। मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति बनने के लिए निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के 64 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए। तीन राज्य ऐसे रहे, जहां मुर्मू ने क्लीन स्वीप किया। आंध्र प्रदेश, नगालैंड और सिक्किम में उन्हें 100 फीसदी वोट मिले। मूर्म को आंध्र प्रदेश में उन्हें इतने वोट मिलना अहम है क्योंकि यहां भाजपा सत्ता में नहीं है।
इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय में भी मुर्मू के पक्ष में शानदार वोटिंग हुई। एनडीए उम्मीदवार ने अरुणाचल में 93.2%, मणिपुर में 90% और मेघालय में 85.5% वोट हासिल हुए। वहीं, मिजोरम में मुर्म के समर्थन में 72.5% और त्रिपुरा में 69.5% मत पड़े।
इन 8 राज्यों में मुर्मू पर भारी पड़े सिन्हा
विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भी कुछ राज्यों में शानदार प्रदर्शन किया। उन्हें केरल में 99.3% और तेलंगाना में 97.4% वोट हासिल हुए। सिन्हा ने जिन छह अन्य राज्यों में मुर्मू से ज्यादा वोट हासिल किए, उनमें छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और दिल्ली शामिल हैं।
मुर्मू को हासिल हुए 6,76,803 वोट
मतगणना के तीसरे दौर के बाद ही मुर्मू की जीत पर मुहर लग गई थी, जब निर्वाचन अधिकारी ने घोषणा की कि मुर्मू को कुल मान्य मतों के 53 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त हो चुके है, जबकि 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मतपत्रों की गिनती चल रही थी। दस घंटे से अधिक समय तक चली मतगणना प्रक्रिया की समाप्ति के बाद निर्वाचन अधिकारी पी. सी. मोदी ने नतीजे घोषित किए। उन्होंने बताया कि सिन्हा के 3,80,177 मतों के मुकाबले 6,76,803 मत हासिल हुए।