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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने में तेजी से काम करने का टास्क राज्य के उपायुक्तों को सौंपा है। उन्होंने उपायुक्तों को श्रमिकों की कुशलता पहचानने और क्षेत्र के उद्योगों की मानव संसाधन की जरूरत की मैपिंग करने का निर्देया दिया है ताकि श्रमिकों को उनके घर के पास के उद्योगों में रोजगार मिल सके। इससे उद्योगों को उनकी जरूरत के आधार पर श्रमिक उपलब्ध कराए जा सकेंगे। सीएम ने कहा कि मनरेगा जैसी योजनाओं में बिचौलियों की शिकायत मिली है, इन्हें चिह्नित कर कार्रवाई करें। इसके साथही श्रमिकों को समय पर भुगतान करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि इसममें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीएम ने राज्य के उपायुक्तों और पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार को मैराथन बैठक की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रखंड और पंचायत स्तर पर श्रमिकों को चिन्हित कर उन्हें रोजगार उपलब्ध करने की दिशा में कार्य का निर्देश दिया गया है। कुशल लोगों की पहचान करके उन्हें उनके कौशल के अनुरूप रोजगार से जोड़ा जाएगा। मनरेगा के काम में मशीन का उपयोग होते मिलेगा तो मशीन को पहली बार में एक महीने और तीसरी बार में छह महीने के लिए जब्त की जाएगी।